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Poetry

ये कैसा रिश्ता !!

उठाना था तो गिराया क्यू
बताना ही था तो छुपाया क्यू
अंजान है हम इस खेल मै ,
जीतना तुम्हारा तय था
तो  हमसे ये मुकाबला करवाया क्यू
आखिर राज़ क्या है इस बर्ताव का ,
धोकेसे ही तोडना था
तो दिल लगाया क्यू
ऐसे रिश्तोकी हमें जरुरत नहीं ,
जो मतलब से चलते हो
मतलब ही था
तो  'रिश्ता ' नाम दिया क्यू


           -  प्रियंका ढिवरे
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By writoshine

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