Categories
Poetry

गम-ए -एहसास

और क्या बताये हमारे ग़मोके बारे में 
गम है तो हम है 
हम में तुम हो 
तुम से यादे है 
यादो में खुशनुमा पल है 
उन पलो में एहसास है 
एहसास तुम्हारे साथ का 
साथ अब रहा नहीं 
इसकी कोई दवा नहीं 
दवा नहीं तो गम सही 
क्योंकि गम में हम है 
और हम में तुम हो 
       
  ( प्रियंका  )
Categories
Uncategorized

बैरागी

हालात कुछ ऐसे है के चुप रहना भाने लगा है 
लाचार सा  दिल है  
चीखे उसकी छुपाने लगा है 
बैराग सी राह है 
राही मै  बैरागी हूँ  
कुछ पाने की चाह नहीं अब 
भटकता मै बंजारा हूँ 

-priyanka-
 
Categories
Poetry

फर्क बहोत है

मजबुरी के साथ रेहना 
और मज़बूरी है इसलिए साथ नहीं रहना 
फर्क बहोत  है 

बात हो कर भी कुछ न समझना 
और चुप रह कर भी सब  समझना 
फर्क बहोत है 

किसीका अपने ख्वाबो में होना
और सिर्फ उसीका का ख्वाब होना 
फर्क बहोत है

बुरे वक्त में साथ निभाना 
और उस वक्त उसके ही साथ होना 
फर्क बहोत है

महोब्बत करना 
और महोब्बत होना 
फर्क बहोत है
 
(प्रियंका )

Categories
Poetry

कहानी अनसुनी

ये दिल भी अजीब था
जानता था के धोके में है
पर बेचारा करता भी क्या
धोकेबाज़ तो दिल में ही था


उसे निकालता भी कैसे
धड़कने उसी के हाथ में थी
काँटा ही समझकर रहने दिया
कुछ फूल सी यादें भी तो साथ थी


ऐसी भी कुछ खास उसकी कहानी नहीं थी
बस इसीलिए किसी को सुनानी नहीं  थी
मगर वो गया तो इसे ख़ास बना गया
कभी न ख़तम होने का एहसास बना गया


(प्रियंका ) 
Categories
Poetry

फ़ुर्क़त

के कहानी कुछ ऐसी थी
महोब्बत हमारी मजहब  में कैद थी
जहा राधा कृष्ण के  प्रेम को पूजा जाता था
वहां  महोब्बत हमारी सूली चढ़ी थी
अर्जी की थी खुदा से
रफाकत ने इस तरह चूर की
मर्जी खुदा की भी न चली
हार हुई हमारे प्यार की
हार कुछ ऐसे हुई
के जीत का जशन वो मना ना  सके
छोड़ दी वो पापी दुनिया
एकसाथ जानेसे वो रोक ना सके
खूब रोया था खुदा
जब अर्थिया दो जिस्मो की उठायी
महोब्बत हमारी अमर बनी
जब रूह साथ दफ़न हुई
उस जनम हम मिल ना पाए
शायद यही था हमारे किस्मत में
प्यार की मिन्नतें तो बहोत की
खुदा ने कुबूल की वो जन्नत में

बस अब एक हि चाहना है रब से
के प्यार में किसीको इस कदर फ़िदा न करे
अगर किया भी , तो ऐसे जुदा न करे


  -प्रियांका
Categories
Uncategorized

इश्क़

इश्क़ वो नहीं
जो मंजिल को भुला दे 
बल्कि इश्क़ वो है 
जो मंजिल तक तुम्हारा हाथ थामे रहे 

                 - प्रियंका ढिवरे 
Categories
Poetry

दिल और दिमाग

दिल और दिमाग का मुहायदा अगर हो जाये तो क्या बात होगी
 सपने बस साथ होंगे , ना  किसी की खलाल होगी


*******************************


दिल ने दिमाग से पूछा
क्या तुम्हे टूटने न डर नहीं ??
दिमाग ने खूबी जवाब दिया
मेरी महोब्बत सपनो से हैं
इंसान से नहीं


           -प्रियंका ढिवरे 
Categories
Poetry

वो दिन भी आयेगा

एक दिन वो भी आएगा
जब तुझे खुद को जानने के लिए
आईने की जरुरत नहीं होगी
तेरी परछाई को भी नाज होगा तुझपे
जब तेरी झलक के लिए रुकी सारी दुनिया होगी


हा वो दिन जरूर आएगा
जब तेरे लिए की गयी दुआए
और तेरी मेहनत सफल होगी
तेरे भी जीत के चर्चे सुनाई देंगे
जब तेरे आंखोमे जीत की चमक होगी
 
              -  प्रियंका ढिवरे
Categories
Poetry

आसीरी

उसकी बेरहम नज़र
और वो अजीब सी छुवन
जैसे हज़ारो काँटों ने
नोच लिया हो  बदन मेरा
उसकी उस घिनौनी  सोच ने
जैसे रंग दिया हो कफ़न मेरा
किसे बताऊ ?
कैसे बताऊ ?
क्या कोई समझेगा मुझे ?
मेरी इन दबी चीखोसे
क्या कोई बाहर निकलेगा मुझे ?
बड़ी अजीब सी उलझन है ये
अपना समज़कर बता दू ?
या फिर छुपा कर ही रखू ?
कही मुझे कोई गलत न समझे
उसके पाप का बोझ
कही मुझपे न डाल दे
                -प्रियंका
Categories
Poetry

ये कैसा रिश्ता !!

उठाना था तो गिराया क्यू
बताना ही था तो छुपाया क्यू
अंजान है हम इस खेल मै ,
जीतना तुम्हारा तय था
तो  हमसे ये मुकाबला करवाया क्यू
आखिर राज़ क्या है इस बर्ताव का ,
धोकेसे ही तोडना था
तो दिल लगाया क्यू
ऐसे रिश्तोकी हमें जरुरत नहीं ,
जो मतलब से चलते हो
मतलब ही था
तो  'रिश्ता ' नाम दिया क्यू


           -  प्रियंका ढिवरे
Design a site like this with WordPress.com
Get started