जो बित गया वो कल था तू आने वाले कल की फिकर कर , ज्यादा कम की लालच छोड़ बस तू थोड़ा सबर कर क्या सही , क्या गलत ये सब उलझन है तू अपने धर्म से वाकिफ रह , अंदरकी सच्चाई कायम रख झूठे जज़्बातोमे मत बह गलतिया जो कल की थी आज में वह दोहरा मत , सुधारनेका एक मौका है बेवकूफियों में गवां मत वक्त हर एक का आता है वक्त तेरा भी आएगा , दायरे जो तूने तोड़े है कल तू खुद को कैद में पायेगा - प्रियंका ढिवरे
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वक्त वक्त कि बात