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गम-ए -एहसास

और क्या बताये हमारे ग़मोके बारे में 
गम है तो हम है 
हम में तुम हो 
तुम से यादे है 
यादो में खुशनुमा पल है 
उन पलो में एहसास है 
एहसास तुम्हारे साथ का 
साथ अब रहा नहीं 
इसकी कोई दवा नहीं 
दवा नहीं तो गम सही 
क्योंकि गम में हम है 
और हम में तुम हो 
       
  ( प्रियंका  )
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फर्क बहोत है

मजबुरी के साथ रेहना 
और मज़बूरी है इसलिए साथ नहीं रहना 
फर्क बहोत  है 

बात हो कर भी कुछ न समझना 
और चुप रह कर भी सब  समझना 
फर्क बहोत है 

किसीका अपने ख्वाबो में होना
और सिर्फ उसीका का ख्वाब होना 
फर्क बहोत है

बुरे वक्त में साथ निभाना 
और उस वक्त उसके ही साथ होना 
फर्क बहोत है

महोब्बत करना 
और महोब्बत होना 
फर्क बहोत है
 
(प्रियंका )

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कहानी अनसुनी

ये दिल भी अजीब था
जानता था के धोके में है
पर बेचारा करता भी क्या
धोकेबाज़ तो दिल में ही था


उसे निकालता भी कैसे
धड़कने उसी के हाथ में थी
काँटा ही समझकर रहने दिया
कुछ फूल सी यादें भी तो साथ थी


ऐसी भी कुछ खास उसकी कहानी नहीं थी
बस इसीलिए किसी को सुनानी नहीं  थी
मगर वो गया तो इसे ख़ास बना गया
कभी न ख़तम होने का एहसास बना गया


(प्रियंका ) 
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फ़ुर्क़त

के कहानी कुछ ऐसी थी
महोब्बत हमारी मजहब  में कैद थी
जहा राधा कृष्ण के  प्रेम को पूजा जाता था
वहां  महोब्बत हमारी सूली चढ़ी थी
अर्जी की थी खुदा से
रफाकत ने इस तरह चूर की
मर्जी खुदा की भी न चली
हार हुई हमारे प्यार की
हार कुछ ऐसे हुई
के जीत का जशन वो मना ना  सके
छोड़ दी वो पापी दुनिया
एकसाथ जानेसे वो रोक ना सके
खूब रोया था खुदा
जब अर्थिया दो जिस्मो की उठायी
महोब्बत हमारी अमर बनी
जब रूह साथ दफ़न हुई
उस जनम हम मिल ना पाए
शायद यही था हमारे किस्मत में
प्यार की मिन्नतें तो बहोत की
खुदा ने कुबूल की वो जन्नत में

बस अब एक हि चाहना है रब से
के प्यार में किसीको इस कदर फ़िदा न करे
अगर किया भी , तो ऐसे जुदा न करे


  -प्रियांका
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दिल और दिमाग

दिल और दिमाग का मुहायदा अगर हो जाये तो क्या बात होगी
 सपने बस साथ होंगे , ना  किसी की खलाल होगी


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दिल ने दिमाग से पूछा
क्या तुम्हे टूटने न डर नहीं ??
दिमाग ने खूबी जवाब दिया
मेरी महोब्बत सपनो से हैं
इंसान से नहीं


           -प्रियंका ढिवरे 
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वो दिन भी आयेगा

एक दिन वो भी आएगा
जब तुझे खुद को जानने के लिए
आईने की जरुरत नहीं होगी
तेरी परछाई को भी नाज होगा तुझपे
जब तेरी झलक के लिए रुकी सारी दुनिया होगी


हा वो दिन जरूर आएगा
जब तेरे लिए की गयी दुआए
और तेरी मेहनत सफल होगी
तेरे भी जीत के चर्चे सुनाई देंगे
जब तेरे आंखोमे जीत की चमक होगी
 
              -  प्रियंका ढिवरे
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आसीरी

उसकी बेरहम नज़र
और वो अजीब सी छुवन
जैसे हज़ारो काँटों ने
नोच लिया हो  बदन मेरा
उसकी उस घिनौनी  सोच ने
जैसे रंग दिया हो कफ़न मेरा
किसे बताऊ ?
कैसे बताऊ ?
क्या कोई समझेगा मुझे ?
मेरी इन दबी चीखोसे
क्या कोई बाहर निकलेगा मुझे ?
बड़ी अजीब सी उलझन है ये
अपना समज़कर बता दू ?
या फिर छुपा कर ही रखू ?
कही मुझे कोई गलत न समझे
उसके पाप का बोझ
कही मुझपे न डाल दे
                -प्रियंका
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ये कैसा रिश्ता !!

उठाना था तो गिराया क्यू
बताना ही था तो छुपाया क्यू
अंजान है हम इस खेल मै ,
जीतना तुम्हारा तय था
तो  हमसे ये मुकाबला करवाया क्यू
आखिर राज़ क्या है इस बर्ताव का ,
धोकेसे ही तोडना था
तो दिल लगाया क्यू
ऐसे रिश्तोकी हमें जरुरत नहीं ,
जो मतलब से चलते हो
मतलब ही था
तो  'रिश्ता ' नाम दिया क्यू


           -  प्रियंका ढिवरे
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वक्त वक्त कि बात

जो बित  गया वो कल था
तू आने वाले कल की फिकर कर ,
ज्यादा कम की लालच छोड़ 
बस  तू थोड़ा सबर कर 


क्या सही , क्या गलत  ये सब उलझन है 
तू अपने धर्म से वाकिफ रह ,
अंदरकी सच्चाई  कायम रख 
झूठे जज़्बातोमे मत बह


गलतिया जो  कल की थी
आज में वह दोहरा मत ,
सुधारनेका एक मौका है
बेवकूफियों में गवां मत


वक्त हर एक का आता है
 वक्त तेरा भी आएगा ,
दायरे जो तूने तोड़े है
कल तू खुद को कैद में पायेगा


            - प्रियंका ढिवरे 
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किस्मत बदली तो हज़ार आये

मायूस सी तक़दीर लेकर 
जब निकला था तुम्हारे आँगन से  
देख मेरा खाली हाथ 
दरवाजे तूने बंद  किये 
अब जो लौटा हु वापिस 
हालाथ पूछने चले आये 
क्या बात है.... 
आँखों पे दवा कर ली ???
जो नज़र आयी मेरी शुआएं 
                
           -प्रियंका 

(शुआएं - किरण , रौशनी )
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